
चंदौली/वाराणसी: रामनगर का डोमरी घाट एक बार फिर हादसे का गवाह बना. इस बार गंगा में डूब कर करन ने अपनी जिंदगी गवा दी… शुक्रवार को गंगा में स्नान करने गए 23 वर्षीय करन पटेल की डूबने से मौत हो गई. करन अपने चार साथियों के साथ स्नान करने पहुंचा था, लेकिन पानी में बन रहे भवर में फंसकर गहराई में समा गया. वहीं उसके चारों साथी किसी तरह बाहर निकल आए. हादसे की सूचना मिलते ही परिवार के सदस्य और स्थानीय लोग घाट पर जुट गए. पुलिस ने तुरंत एनडीआरएफ व गोताखोरों की टीम को बुलाकर तलाश शुरू कराई. मृतक करन पटेल चंदौली जिले के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के रतनपुर गांव निवासी विजय पटेल का बड़ा बेटा था. परिवार का एकमात्र सहारा माने जाने वाले करन के डूबने से घर में कोहराम मच गया है. डोमरी घाट पर यह पहली घटना नहीं है. ठीक इसी तरह बृहस्पतिवार को चंदौली के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र स्थित जलीलपुर गांव के दो किशोर मोहम्मद इस्माइल 17 वर्ष और अमान 17 वर्ष गंगा स्नान के दौरान डोमरी घाट पर डूब गए. दोनों अपने साथी मोहम्मद आतिफ के साथ स्कूल से लौटने के बाद स्नान करने पहुंचे थे. स्नान के दौरान वह गहरे पानी में चले गए और तेज बहाव में फंसकर डूबने लगे. आतिफ ने शोर मचाकर मदद की कोशिश की, लेकिन जब तक लोग पहुंचे, दोनों पानी में समा चुके थे। डोमरी घाट पर दो दिनों में तीन मौतों ने स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश दोनों पैदा कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण अक्सर दुर्घटनाएं सामने आती हैं. घाट किनारे रहने वाले माक्षियों की माने तो डोमरी घाट कच्चा होने के साथ बाढ़ का पानी कम होने पर और खतरनाक हो गया है. बालू युक्त मिट्टी के ऊपर से जब गंगा का बहाव आगे बढ़ता है तो नीचे तेज भवरा (भवर) बनता है. भवर में यदि कोई भी फंसा तो पानी उसे सीधे नीचे खींच लेता है, और उसका बचना मुश्किल हो जाता है.

स्थानीय लोग बोले—स्नान पर लगे रोक या हो सुरक्षा व्यवस्था
लोगों ने बताया कि डोमरी का यह किनारा गहराई, कटाव और तेज धारा के कारण पहले से ही जोखिम भरा माना जाता है. चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा रस्सियां और निगरानी व्यवस्था न होने के कारण युवक अक्सर यहां दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। पिछले कुछ महीनों में इसी क्षेत्र में कई हादसे हो चुके हैं.
प्रशासन हरकत में, पर स्थायी समाधान अब तक नहीं
हादसे के बाद मौके पर पहुंची रामनगर पुलिस ने कहा कि घाट को लेकर रिपोर्ट प्रशासन को भेजी जाएगी. एनडीआरएफ और गोताखोरों करन की तलाश में लगे हुए हैं. वहीं स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक डोमरी घाट हादसों का केंद्र बना रहेगा. लगातार बढ़ती दुर्घटनाएं साफ संकेत दे रही हैं कि डोमरी घाट अब ‘डेंजर जोन’ बन चुका है. यदि समय रहते सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई, तो गंगा स्नान करने वालों के लिए यह घाट मौत का घाट बन जायेगा.




