—jai tiwari
चंदौली— जिले का डीडीयू सर्किल इन दिनों गंभीर अपराधों की लगातार बढ़ती घटनाओं के कारण क्राइम हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. बीते पंद्रह दिनों में दो हत्याएं, उचक्का-गिरी, घरों से नकदी-जेवर की चोरी और राहजनी जैसी वारदातों ने स्थानीय लोगों को असुरक्षित महसूस कराया है. इसके साथ ही सक्रिय बाइक गैंग ने पुलिस की चुनौती और बढ़ा दी है. बीते 24 घंटों में चोरों ने दो मोटरसाइकिलें उड़ा लीं, जिससे कस्बे में दहशत और नाराजगी दोनों बढ़ी है. स्थानीय जनता का कहना है कि अनुभवी पुलिसकर्मियों की कमी अपराध बढ़ने का प्रमुख कारण बनी है. वर्षों से कस्बे के लिए जरूरी कई कुशल मुख्य आरक्षी और आरक्षियों को नौगढ़ व चक्करघट्टा जैसे सीमावर्ती व पहाड़ी क्षेत्रों में भेज दिया गया है. इन तैनातियों के कारण शहरी और भीड़भाड़ वाले इलाकों में अनुभवी फोर्स की कमी महसूस की जा रही है. लोगों का तर्क है कि जिन पुलिसकर्मियों को स्थानीय भूगोल, अपराध पैटर्न और अपराधियों की गतिशीलता का अनुभव है, उन्हें वापस डीडीयू-कस्बा क्षेत्र में तैनात किया जाना चाहिए. उधर, खुफिया तंत्र की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. इलाके में तैनात विभिन्न इंटेलिजेंस इकाइयों के बावजूद अपराधियों की गतिविधियों की भनक तक न लग पाना स्थानीय जनता में भारी रोष का कारण बना है. लोगों का कहना है कि खुफिया सूचना तंत्र की निष्क्रियता से अपराधियों को वारदात को अंजाम देने में आसानी मिल रही है.
नागरिकों ने पुलिस अधीक्षक आदित्य लांघे से क्षेत्र की समीक्षा कर अनुभवी पुलिसबल की पुनर्तैनाती, खुफिया विभाग के कर्मियों के स्थानांतरण और संवेदनशील इलाकों में प्रभावी गश्त बढ़ाए जाने की मांग की है. लगातार बढ़ते अपराधों को देखते हुए जिला पुलिस पर इन शिकायतों को गंभीरता से लेकर तत्काल व्यवस्था सुधारने का दबाव बढ़ रहा है. प्रशासनिक स्तर पर भी घटनाओं की जांच और निगरानी बढ़ाने की बात कही जा रही है. फिलहाल, क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता बढ़ाई गई है, मगर स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थायी समाधान तभी संभव होगा जब अनुभवी पुलिसकर्मी वापस मोर्चे पर लौटेंगे और खुफिया तंत्र को जवाबदेह बनाया जाएगा.




