चंदौली—पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर बिछड़े युवक को शनिवार की देर रात पुलिस ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए उसके परिवार से मिलाने में अहम भूमिका निभाई. तेलंगाना के 14 युवक ट्रेन से फैक्ट्री में काम करने के लिए सफर पर थे. इसी दौरान उनमें से एक युवक, जिसने अपना नाम बाला बताया, कुछ खाने के लिए जंक्शन पर उतर गया. तभी ट्रेन चल पड़ी और वह पीछे छूट गया.

भाषा की बाधा के कारण युवक काफी देर तक परेशान हाल प्लेटफॉर्म और आसपास घूमता रहा. भ्रमित अवस्था में वह चकिया तिराहा स्थित पुलिस पिकेट तक पहुंचा, वहां तैनात उपनिरीक्षक सुभाष और आरक्षी अमित ने युवक से बातचीत की कोशिश की, लेकिन वह न हिंदी समझता था, न अंग्रेजी. कई प्रयासों के बाद आरक्षी अमित ने मोबाइल ट्रांसलेटर का सहारा लिया और युवक की बातों को समझने में सफलता पाई.
युवक ने बताया कि वह तेलुगु भाषी है और दोस्तों के साथ काम पर जा रहा था. तीन दिनों से ठीक से भोजन भी नहीं मिला था. पुलिस ने उसे चाय-पानी और नाश्ता कराया. ट्रांसलेटर की मदद से उसके घरवालों से बातचीत कराई गई, जिसने उसकी पहचान की पुष्टि की.
इसके बाद पुलिस ने युवक के लिए यात्रा टिकट खरीदा और उसे पुरी (ओडिशा) जाने वाली ट्रेन में देर रात सुरक्षित बैठाकर रवाना किया. चंदौली पुलिस की यह पहल स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसे सभी ने मानवता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया है.




