चंदौली। अलीनगर क्षेत्र के रेवसा गांव में भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के तहत बन रहे सब स्टेशन और सड़क निर्माण कार्य को लेकर प्रशासनिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. परियोजना के अंतर्गत कुल 114 मकान अधिग्रहित किए गए हैं, जिनमें से 105 मकान मालिकों को संरचना और भूमि दोनों का भुगतान पूर्ण रूप से किया जा चुका है. एसडीएम पीडीडीयू अनुपम मिश्रा (PDDU SDM Anupam Mishra) ने बताया कि सरकारी नियमों के अनुसार, जब किसी संपत्ति का पूरा मुआवजा दे दिया जाता है तो वह भूमि सरकार के अधिकार में आ जाती है. इसके बाद नोटिस देकर मकान ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाती है. उन्होंने कहा कि किसानों को तीन महीने पहले ही भुगतान किया जा चुका है, इसके बावजूद लोगों को लगातार मीटिंग और अन्य माध्यमों से यह जानकारी दी जा रही है कि वे अपना मकान खाली कर दें ताकि विकास कार्य में कोई बाधा न आए.
एसडीएम (SDM) ने स्पष्ट किया कि ध्वस्तीकरण का कार्य किसी प्रशासनिक दबाव में नहीं बल्कि नियमानुसार एक एजेंसी (Agency) द्वारा कराया जा रहा है. स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी केवल शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर तैनात रहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को बिजली बिल माफी और जमीन के बदले जमीन देने जैसी मांगें संभव नहीं हैं क्योंकि इस परियोजना के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. “यहां अधिकांश लोगों के पास पहले से अपनी जमीन है, इसलिए नए पट्टे की कोई आवश्यकता नहीं बनती,” उन्होंने यह भी बताया कि केवल उन्हीं मकानों को तोड़ा जा रहा है जिनका मुआवजा पूर्ण रूप से दिया जा चुका है, जिनका भुगतान लंबित है, उनकी संपत्तियों को फिलहाल नहीं छुआ जा रहा. एसडीएम (SDM) ने कहा कि सरकार विकास के साथ-साथ जनता के अधिकारों और मुआवजे के हितों का भी पूरा ध्यान रख रही है.




