उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस लाइन में मंगलवार को आयोजित पुलिस स्मृति दिवस पर बीते एक साल में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारीजनों को सम्मानित करेंगे, साथ ही शोक परेड की सलामी भी लेंगे. मुख्यमंत्री विभाग से जुड़ी कई घोषणाएं भी कर सकते हैं.
66 वर्षो से चली आ रही परंपरा
हर वर्ष पुलिस विभाग में ड्यूटी के दौरान संवेदनशीलता, समर्पण और त्याग दिखाने वाले शहीद पुलिसकर्मियो की याद में 21 अक्तूबर को स्मृति दिवस मनाया जाता है. यह परम्परा 66 साल से चल रही है. अक्तूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवान गश्त पर निकले थे, उस समय चीनी सैनिकों ने उन पर हमला कर दिया था. इसमें उनकी जान चली गई थी. इन जवानों की याद में ही पुलिस स्मृति दिवस मनाने की परम्परा चल रही है.
देश में 1 सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 तक कर्तव्य का पालन करते हुए 186 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। इसमें यूपी के तीन पुलिसकर्मी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार, चंदौली के लाल मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह और नोएडा कमिश्नरेट के आरक्षी सौरभ कुमार हैं.
12 माई को जाैनपुर में तस्करों ने दुर्गेश पर चढ़ाई थी पिकअप…..
जौनपुर के चंदवक थाने में तैनात हेड कांस्टेबल दुर्गेश कुमार सिंह व अन्य पुलिसकर्मी 12 मई 2025 को तहसील दिवस खत्म होने के बाद गो-तस्करों की तलाश में निकलें थे, इस दौरान ही गौ तस्करों से मुठभेड़ हो गई. दुर्गेश ने उन्हें रोकने का प्रयास किया इस पर बदमाशों ने उसके ऊपर पिकअप चढ़ाते भाग निकले.दुर्गेश को वाराणसी के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, बाद में उनकी मौत हों गई, दुर्गेश 2011 बैच के आरक्षी थे. इसमें एक बदमाश बाद में मारा गया था, जबकि तीन बदमाश मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हुए थे.मूल रूप से चंदौली जिले के सकलडीहा कोतवाली क्षेत्र उकनी विरमराय गांव निवासी हेड कांस्टेबल दुर्गेश सिंह कर्तव्यनिष्ठ और मिलनसार व्यक्ति थे. इनकी पत्नी प्रियंका सिंह सरकारी विद्यालय में शिक्षिका है. इनकी सात वर्षीय एक बेटी भी है.




