Report by– jai tiwari
चंदौली: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, धनबाद, कोलकाता और बंगाल तक कफ सिरप का सिंडिकेट चलाने वाला शुभम जायसवाल फरार है उसका साथी अमित सिंह टाटा एसटीएफ (STF) हिरासत में हैं, करोड़ों का काला कारोबार करने वाला शुभम गैंग फिलहाल पूरी तरह बिखर गया है, लेकिन यदि इतिहास के पन्ने पलटे जाएं तो इस सिंडिकेट का खुलासा बहुत पहले ही हो गया होता… लेकिन पुलिस के नाक के नीचे कफ सिरप (Syrup) के सप्लाई की चेन पर करोड़ों की कमाई चलती रही. दरअसल चंदौली जिले में पुलिस ने कई बार शुभम जायसवाल के कफ सिरप की गाड़ियों और गुर्गों को पकड़ा, लेकिन मामला हर बार ठंडे बस्ते में चला गया. गौरतलब है कि यूपी–बिहार बॉर्डर (UP-Bihar border) से नशीले कफ सिरप की तस्करी होती रही. चंदौली पुलिस का रिकॉर्ड इसके बिल्कुल उलट कहानी बयां करती है. शराब की तरह कफ सिरप की अवैध खेप लगातार बॉर्डर (Border) पार होती रही और कई बार पुलिस की लगातार छापेमारी में बड़े काफिले पकड़े गए. मुखबिरों की सूचना पर की गई इन कार्रवाइयों ने तस्करी के संगठित स्वरूप को उजागर किया. चंदौली पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि वर्ष 2021 से 2025 के बीच छह बड़े मामले दर्ज हुए, जिनमें भारी मात्रा में फेन्साडील और अन्य प्रतिबंधित सिरप जब्त किए गए.
18 फरवरी 2021 को सबसे बड़ी खेप पकड़ी थी चंदौली की क्राइम ब्रांच और सदर कोतवाली पुलिस–
वर्ष 2021 में चंदौली की क्राइम ब्रांच (Crime Branc) और सदर कोतवाली पुलिस ( Sadar Kotavali Police) ने संयुक्त कार्रवाई करते हुये करीब 1.5 करोड़ रुपए की अवैध नशीली फेंसिडिल सिरप बरामद की थी. इस खेप के साथ पुलिस ने 1 ट्रक ड्राइवर (Truck driver) को गिरफ्तार किया था.

इस बड़ी कार्रवाई में क्राइम ब्रांच को हत्थे 17 हजार से ज्यादा फेंसेडिल की शीशियां हाथ लगीं थी. जिनकी बाजार में अनुमानित कीमत करीब 50 लाख रुपए और ब्लैक मार्किट में इसकी क़ीमत तीन गुने रेट पर बिकती है, जिसको देखते हुए बरामद सिरप की कीमत 1.5 करोड़ से ज्यादा बताई आकी गई थी. इस दवाओं को बेहद शातिराना तरीके से एक ट्रक में लोड कर उसके ऊपर क्रॉकरी लादकर ले जाया जा रहा था. पुलिसिया पूछताछ में आरोपी ड्राइवर ने बताया था यह दवा (सिरप) की खेप को बिहार के ओरंगबाद जिले में पहुंचाना था, जिसके बाद नशे की ये बड़ी खेप बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों में सप्लाई होनी थी. इससे पहले वाराणसी एसटीएफ ने भी भारी मात्रा में इस ब्रांड की दवाओं को बरामद किया था. माना जा रहा है बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में एक गिरोह द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से मादक पदार्थों एवं दवाओं की तस्करी की जा रही है. जहां इन दवाओं का उपयोग नशा करने के लिये किया जा रहा है.
दूसरी बड़ी कारवाई अलीनगर से हुई–
- 21 सितंबर 2021- थाना अलीनगर पुलिस ने 349 पेटी फेन्साडील कफ सिरप समेत एक ट्रक, एक पिकअप और एक कार पकड़ी थी. छह लोग गिरफ्तार हुए थे।
- 21 अगस्त 2023- अलीनगर से ही 288 सीसी फेन्साडील बरामद की गई और दो आरोपी गिरफ्तार हुए.
बबुरी और चंदौली में भी चली कार्रवाई
- 28 मार्च 2021- थाना बबुरी क्षेत्र में पुलिस ने 95 पेटी फेन्साडील व एक DCM ट्रक जब्त कर तीन तस्करों को पकड़ा था.
- 27 फरवरी 2021- थाना चंदौली पुलिस ने 106 पेटी ESKUF और 175 शीशी फेन्साडील के साथ एक ट्रक पकड़ा, जिसमें एक आरोपी गिरफ्तार हुआ.
मुगलसराय से सैयदराजा तक सक्रिय नेटवर्क–
- 23 दिसंबर 2021- मुगलसराय कोतवाली पुलिस ने 101 पेटी फेन्साडील, डायलैक्स-DC और लेबोरेट ब्रांड के सिरप से भरी पिकअप पकड़ी। एक तस्कर हिरासत में लिया गया.
- 18 मई 2025- सैयदराजा थाना पुलिस ने हाल ही कार्रवाई में 2232 शीशी अवैध कफ सिरप दो अलग-अलग कारों (MP17CD3410 व MP17CA1194) से बरामद किए, एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया.
इन सभी घटनाओं से साफ है कि चंदौली जिले से सटे बिहार के बॉर्डर पर सिरप तस्करी किसी छोटे स्तर का धंधा नहीं था, बल्कि एक संगठित सप्लाई चेन की तरह संचालित हो रहा था. पुलिस की छिटपुट सफलताओं ने इस नेटवर्क की मौजूदगी का संकेत दिया, लेकिन हर बरामदगी यह भी बताती है कि यह कारोबार लगातार सक्रिय रहा.
स्थानीय पुलिस अब इन मामलों को जोड़कर तस्करी के बड़े नेटवर्क की कड़ियां तलाश रही है, यह पता लगाया जा रहा है कि यह माल किस रास्ते चंदौली जिले में आया और इस नेटवर्क में शुभम जायसवाल के अलावा कौन शामिल है. ताकि जिले और बॉर्डर पर सक्रिय इस अवैध कारोबार पर पूरी तरह नकेल कसी जा सके.




