Report-Jai tiwari
चंदौली: दवा व्यवसायी रोहिताश पाल की हत्या को तीन दिन गुजर चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक किसी निर्णायक नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. हत्या ने न सिर्फ स्थानीय दवा व्यापारियों, बल्कि पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है. परिजनों का कहना है कि जांच की धीमी गति और कई अहम सवालों पर अब तक स्पष्टता न मिलने से परिवार में गहरा आक्रोश है. इसी बीच मृतक के छोटे भाई सिद्धार्थ पाल द्वारा लिखी गई भावनात्मक अपील ने मामले को और गंभीर बना दिया है. सिद्धार्थ पाल ने केमिस्ट एंड ड्रग फेडरेशन उत्तर प्रदेश के लेटर पैड पर लिखे अपने पत्र में कहा है—“मैं, सिद्धार्थ पाल, स्वर्गीय रोहिताश पाल का छोटा भाई, आप सभी से विनम्र आग्रह करता हूँ कि मेरे बड़े भाई को न्याय दिलाने में मेरा साथ दें. जिस क्रूर और अमानवीय घटना में मेरे भाई की जान चली गई, उसमें उनकी ज़रा-सी भी गलती नहीं थी. आज हमारा पूरा परिवार टूट चुका है. आप सभी के सहयोग के बिना हम इस लड़ाई को आगे नहीं बढ़ा सकते. मेरी हृदय से प्रार्थना है कि मेरी यह अपील उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तक पहुँचाने में मेरी मदद करें, ताकि मेरे भाई को न्याय मिल सके और दोषियों को उनके किए की उचित सज़ा मिल सके।” परिवार की इस सीधी और भावुक अपील ने जनता के बीच भी मामले पर गंभीरता बढ़ा दी है.
साजिशकर्ताओं पर उठ रहे सवाल, बड़े नामों की हो रही चर्चा–
मामले की जांच में शुरुआती तौर पर प्रॉपर्टी विवाद का एंगल उभरकर सामने आ रहा है. चर्चाओं में वाराणसी के एक बड़े बिल्डर का नाम बार-बार आ रहा है, साथ ही मुगलसराय क्षेत्र से जुड़े कई प्रभावशाली चेहरों का भी जिक्र किया जा रहा है. यही कारण है कि स्थानीय लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस क्या केवल शूटरों को गिरफ्तार कर मामले का पटाक्षेप कर देगी, या फिर इस हत्याकांड के असली साजिशकर्ताओं को भी उजागर करेगी?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अहम खुलासा—
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि रोहिताश पाल को 32 बोर के पिस्टल से गोली मारी गई थी. इससे यह साफ है कि हत्या सुनियोजित और पेशेवर तरीके से की गई.
नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म—
शहर में इस हत्याकांड को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग खुलकर कह रहे हैं कि मामले के पीछे कोई गहरी साजिश है और कई शक्तिशाली लोगों के नाम सामने आने से जांच प्रभावित होने की आशंका भी जताई जा रही है।
अब सबकी निगाहें पुलिस की कार्रवाई पर—
परिवार, व्यापारी संगठनों और शहरवासियों की नजरें अब पुलिस पर टिकी हैं कि क्या वह मामले की तह तक पहुंचकर मास्टरमाइंड को पकड़ पाएगी या नहीं. परिजनों की मांग है कि इस केस को सिर्फ शूटर्स तक सीमित न रखा जाए, बल्कि पूरे षड्यंत्र की परतें खोलकर इस हत्याकांड के पीछे छिपे हर जिम्मेदार को कानून के कटघरे में खड़ा किया जाए. दवा व्यवसायी की हत्या अब सिर्फ एक घटना नहीं रही—यह न्याय, जवाबदेही और साजिश के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई बन चुकी है.




