रामनगर: कमिश्नरेट वाराणसी की प्रभावी पैरवी और “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत दिसंबर 2024 में रामनगर क्षेत्र में हुई आठ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के जघन्य मामले में आरोपी इरशाद पुत्र जहांगीर अली को विशेष न्यायाधीश पाक्सो-III (वाराणसी) की अदालत ने मृत्युदंड और 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने सशक्त साक्ष्यों और अभियोजन पक्ष की ठोस दलीलों के आधार पर मंगलवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया.
घटना के बाद से अंत तक पुलिस की सख्त कार्रवाई
दिसंबर 2024 में रामनगर थाना क्षेत्र के सूजाबाद में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया था. आरोपी इरशाद ने बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी. घटना के बाद तत्कालीन रामनगर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजू सिंह ने मामले को चुनौती के रूप में लेते हुए गहन छानबीन शुरू की, वहीं घटना की जानकारी मिलने पर घटना स्थल पर सबसे पहले तत्कालीन मुगलसराय इंस्पेक्टर विजय बहादुर सिंह, जलीलपुर चौकी इंचार्ज अभिषेक शुक्ला पुलिस टीम के साथ पहुंचे थे.
आरोपी की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगाईं और घटना के 24 घंटे के भीतर उसे मुठभेड़ में पकड़ लिया. इस दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी के पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
ऑपरेशन कनविक्शन के तहत प्रभावी पैरवी
प्रदेशभर में चल रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के निर्देशन में इस प्रकरण की लगातार मॉनिटरिंग होती रही. कमिश्नरेट पुलिस की गुणवत्ता पूर्ण विवेचना, फोरेंसिक साक्ष्यों को मजबूत तरीके से कोर्ट में प्रस्तुत करने और लोक अभियोजक की प्रभावी पैरवी ने इस मामले को गंभीरता से आगे बढ़ाया. थाना रामनगर में पंजीकृत मुकदमा संख्या 0234/2024 धारा 137(2), 65(2), 103(1), 238 BNS एवं 5M/6 पाक्सो एक्ट के तहत चली सुनवाई में अदालत ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए मृत्युदंड सुनाया.
अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका सराही गई
पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में बताया गया कि इस मुकदमे में दोषसिद्धि दिलाने में विवेचक, थानाध्यक्ष, फोरेंसिक टीम, साइबर सेल और अभियोजन पक्ष के संयुक्त प्रयास निर्णायक रहे. अदालत ने भी माना कि प्रस्तुत साक्ष्य सीधे तौर पर अभियुक्त को अपराध से जोड़ते हैं, इसलिए उसे समाज के प्रति अत्यंत जघन्य अपराध के लिए कठोरतम दंड दिया जाता है.फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद रामनगर – पड़ाव और आसपास के क्षेत्र में लोगों ने राहत की सांस ली, पीड़ित परिवार ने फैसले को न्याय बताते हुए पुलिस और अदालत का आभार जताया.




