Report by jai tiwari —
गाज़ीपुर के मुहम्मदाबाद शहीद पार्क में आयोजित पूर्व विधायक स्व: कृष्णानंद राय की पुण्यतिथि पर आज दिनांक 29 नवंबर को उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक शामिल होंगे. दोपहर 12 बजे शहीद पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके बाद 12:30 बजे से मुहम्मदाबाद रवाना होंगे.
मुख्तार अंसारी के वर्चस्व को चुनौती देने वाले कृष्णानंद राय की हत्या का वो दिन…पढ़ें ‘खूनी खेल’ की कहानी
विधायक कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) 29 नवंबर 2005 को करइल इलाके के सियाड़ी गांव में खेल कार्यक्रम का शुभारंभ करने जा रहे थे.जब उनका काफिला लट्ठूडीह कोटवा नरायनपुर मार्ग स्थित बसनिया पुलिया के पास पहुंचा उसी दौरान पहले से घात लगाए हमलावरों ने उन पर अत्याधुनिक असलहों से हमला कर दिया. हमले में विधायक कृष्णानंद राय सहित उनके साथ वाहन में चल रहे पूर्व ब्लाक प्रमुख श्यामा शंकर राय, रमेश नारायण राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव व गनर निर्भय नारायण उपाध्याय की मौके पर मौत हो गई. विधायक कृष्णानंद राय और साथियों की हत्या से इलाके में काफी आक्रोश फैल गया. आक्रोशित लोगों ने ढोढाडीह रेलवे स्टेशन भवन में आग लगा दी थी.

इनके खिलाफ हुआ था मामला पंजीकृत–
विधायक कृष्णानंद राय सहित सात साथियों की हत्या मामले में उनके भाई रामनारायण राय की तहरीर पर भांवरकोल थाना में तत्कालीन सांसद अफजाल अंसारी और मऊ विधायक मुख्तार अंसारी (Afzal ansari and Mukhtar Ansari) के खिलाफ साजिश करने व उनके बहनोई एजाजुलहक अंसारी, चचेरे भाई मंसूर अंसारी, अताउर्रहमान व मुन्ना बजरंगी के खिलाफ हत्या का मामला पंजीकृत कराया गया. वहीं सीबीआइ की चार्जशीट में राकेश पांडेय, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, रामू मल्लाह का नाम शामिल किया गया. पुलिस ने इस मामले में शामिल फिरदौस को मुंबई में हुए मुठभेड़ में मार गिराया था.
पूर्व मंत्री के जोरदार पैरवी के बावजूद नहीं हो पायी सजा—
विधायक सहित सात लोगों की हत्या की खबर मिलने पर मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह वाराणसी मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिए। न्यायालय के आदेश पर सीबीआइ जांच शुरू होने की कार्रवाई प्रारंभ होने पर राजनाथ सिंह ने धरना समाप्त किया। विधायक सहित साथियों की हत्या संबंधी मामले को पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने काफी दमदारी से न्यायालय में पैरवी करने का कार्य किया। काफी दिनों तक न्यायालय में चले मामले में कई गवाहों के मुकर जाने आदि के बीच सीबीआइ न्यायालय ने बीते जुलाई में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। उसके बाद मामला उच्च न्यायालय में दाखिल किया गया। इसमें न्यायालय ने सुनवाई की तिथि जारी करते हुए आरोपित सांसद अफजाल अंसारी आदि को जमानत दे दी है.
चुनाव में हार से शुरू हुई दुश्मनी —
दरअसल, ये घटना साल 2005 की है, लेकिन इस कहानी की शुरुआत 2002 से ही हो गई थी. साल 2002 के विधानसभा चुनाव में अंसारी परिवार के वर्चस्व वाली गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल कर ली थी. लेकिन राजनीति में मिली ये हार अंसारी बंधुओं को इतनी खली कि उन्होंने इसे अपनी जाती दुश्मनी बना ली. मन में बसी इस कसक को दूर करने का दिन तब आया जब कृष्णानंद राय एक क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करके वापस लौट रहे थे. इसी बीच मुख्तार गैंग के लोगों ने रास्ते में ही कृष्णानंद राय के काफिले पर गोलियों की बरसात कर दी. अपराधियों ने जब गोलियां चलानी शुरू की तो फिर उन्होंने फायरिंग के राउंड नहीं गिने. बताया जाता है कि उस दिन कृष्णानंद राय के काफिले पर 500 राउंड गोलियां चलाई गई थीं. इस पूरी घटना में 7 लोगों की मौत हो गई थी.
सात लोगों के शरीर हुए छलनी–
फायरिंग किस कदर हुई इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मरने वाले 7 लोगों के शरीर से ही 67 गोलियां बरामद की गईं. सभी सातों लोगों के शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। हत्या की इस घटना को इस तरह से अंजाम दिया गया कि लोगों के जहन में मुख्तार के नाम का खौफ बैठ गया. हालांकि 2006 में कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय की याचिका पर हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया. बाद में 3 जुलाई 2019 को दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और मुख्तार अंसारी सहित सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया.




