चंदौली/मिर्जापुर जिले के अहरौरा थाना क्षेत्र धुरिया स्थित खदान में गुरुवार की सुबह एक मुंशी की मौत हो जाने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया. घटना की पुष्टि होते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और खनन व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई. बताया जा रहा है कि जिस खदान में हादसा हुआ, वह चंदौली के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष से जुड़ी बताई जाती है. ग्रामीणों का आरोप है कि खदान में मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नहीं है. न सुरक्षा उपकरण उपलब्ध होते हैं और न ही निगरानी का उचित इंतजाम रहता है. लोगों ने कहा कि सोनभद्र में हाल में हुए हादसे के बाद भी खनन क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी जारी है. उनके अनुसार लगातार हो रहे हादसे यह दर्शाते हैं कि जिम्मेदार विभाग और प्रबंधन सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं. ग्रामीणों ने मौके पर जुटकर प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि खदानों में मौतें होती रहती हैं, पर जांच आगे नहीं बढ़ती और दोषियों की जिम्मेदारी तय नहीं की जाती। “लापरवाही की जड़ आखिर खोजेगा कौन?”—स्थानीय लोगों का यही सवाल था। उनका मानना है कि खनन गतिविधियों में निगरानी की कमी, अनियमित संचालन और सुरक्षा प्रोटोकॉल की अवहेलना ही इस तरह के हादसों की असली वजह हैं.

इनसेट– चंदौली के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष क्षत्रबली सिंह के खदान में हुई जय हिंद की मौत
जिस खदान में यह हादसा हुआ है वह चंदौली के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष क्षत्रबली सिंह की है. खदान में बुधवार रात जय हिंद यादव (25) की मौत हो गई. जय हिंद मुबारकपुर, चकिया निवासी था और खदान में काम करता था. पुलिस के अनुसार वह रात में ऊंचाई से गिरा, जिससे उसकी मौत हुई. वहीं साथी मजदूरों ने इसे संदिग्ध मौत बताते हुए आरोप लगाया कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने खदान प्रबंधन पर सुरक्षा में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और निष्पक्ष जांच की मांग की




