आजमगढ़/चंदौली एसएसपी डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन में पुलिस ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 99 पेशेवर जमानतदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। ये सभी जमानतदार लंबे समय से दुर्दांत अपराधियों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमानत दिलाने में मदद कर रहे थे. पुलिस जांच में सामने आया कि कई जमानतदारों ने एक दर्जन से अधिक अपराधियों की जमानतें ली थीं.
चंदौली के पारीखंड पर दर्ज हैं 10 मुकदमे—
इस नेटवर्क में चंदौली जिले के सकलडीहा थाना क्षेत्र के पारीखंड निवासी अभियुक्त का नाम भी शामिल है, जिस पर 10 गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस के अनुसार, पारीखंड लंबे समय से अपराधियों की जमानत दिलाने के गिरोह से जुड़ा हुआ था और अन्य जिलों के जमानतदारों के साथ मिलकर कोर्ट और पुलिस को गुमराह करता था.
ऑपरेशन शिकंजा के तहत आजमगढ़ पुलिस ने जांच में पाया कि यह गिरोह आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, चंदौली सहित पूर्वांचल के कई जिलों में सक्रिय था। कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने अब तक 51 जमानतदारों को गिरफ्तार किया है.

अभियुक्तों पर दर्ज हैं गंभीर मुकदमे—
गिरफ्तार जमानतदारों में दस ऐसे हैं, जिन पर पहले से ही कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें मुबारकपुर निवासी खलील उर्फ खलीलरह, मऊ निवासी जितेंद्र और पक्का यादव, देवगांव निवासी अफरोज, बरदह निवासी सचिन व अजय, महाराजगंज निवासी संतोष यादव, बिलरियागंज निवासी शेर, बदरुद्दीन, फूलपुर निवासी अब्दुल्ला और सरायमीर निवासी जावेद अख्तर शामिल हैं.
एसएसपी डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि अपराधियों को राहत दिलाने वाले ऐसे फर्जी जमानतदारों पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि न्याय व्यवस्था को कमजोर करने वाली प्रवृत्ति पर लगाम लग सके.




