धर्म : महीने में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है. एकादशी पर भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु को पूजने से हर काम बनने लगते हैं. साल भर में कुल 24 एकादशी पड़ती है. इन 24 एकादशियों में से देवउठनी एकादशी को सबसे खास और शुभ माना जाता है. इसे प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी लोग जानते हैं. कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी वाले दिन ही भगवान विष्णु योगनिद्रा से उठते हैं, जिसकी समय अवधि 4 महीने होती है. इस खास दिन पर कुछ काम नहीं किए जाते हैं.
देवउठनी एकादशी को काफी शुभ महोता है. आज के दिन से सारे शुभ और मांगलिक कामों की शुरुआत होती है. शादी से लेकर गृह प्रवेश जैसे शुभ काम देवउठनी एकादशी के बाद ही शुरू होते हैं.
देवउठनी एकादशी पर ना करें ये काम
- देवउठनी एकादशी पर गंदे हाथों से तुलसी के पौधे को ना छुएं. स्नान करने के बाद ही तुलसी के पौधे को स्पर्श करें. माना जाता है कि गंदे हाथों से अगर तुलसी को छुआ जाए तो भगवान विष्णु निराश होते हैं.
- देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. धार्मिक मान्यता के हिसाब से अगर कोई इस दिन तुलसी का पत्ता तोड़ता है तो मां लक्ष्मी उससे रूठ जाती हैं. इस दिन बाल या नाखून ना काटें। देवउठनी एकादशी वाले दिन ऐसा करना सही नहीं होता है. वहीं आज के दिन शेविंग करने से भी बचना चाहिए
- देवउठनी एकादशी वाले दिन भूलकर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि चावल को किसी भी रूप में नहीं लेना है.
- देवउठनी एकादशी पर लहसुन और प्याज समेत तामसिक खाने से बचना चाहिए. इस दिन मास-मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
- देवउठनी एकादशी पर कई लोग व्रत रखते हैं. जो लोग व्रत रख रहे हैं, उन्हें ब्रह्मचर्य का कड़ाई से पालन करना चाहिए.




