देशभक्ति और श्रद्धा का संगम बनेगा प्राचीन दशाश्वमेध घाट
वाराणसी। काशी के प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर इस बार की देव दीपावली श्रद्धा और देशभक्ति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगी। गंगोत्री सेवा समिति ने इस वर्ष के आयोजन को पहलगाम हमले में शहीद नागरिकों और भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शामिल वीर जवानों को समर्पित किया है. घाट पर मां गंगा की 108 किलो की अष्टधातु प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया जाएगा, जबकि पूरा घाट 500 किलो देशी और विदेशी फूलों से सजकर अलौकिक दृश्य प्रस्तुत करेगा.
गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पं. किशोरी रमण दुबे ‘बाबू महाराज’ और सचिव पं. दिनेश शंकर दुबे ने बताया कि भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शौर्य का जो परिचय दिया, वह हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत है। इसी वीरता को नमन करते हुए देव दीपावली के आयोजन को सैनिकों को समर्पित किया गया है। देव दीपावली के अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगा महारानी का पूजन-स्तवन और 151 लीटर दूध से अभिषेक कर गंगा निर्मलीकरण का संदेश दिया जाएगा। इस अवसर पर नारी शक्ति के सम्मान को केंद्र में रखते हुए आरती में बेटियां नेतृत्व करेंगी, जबकि 21 बटुक और 21 डमरुदल महाआरती की शोभा बढ़ाएंगे। आयोजन की अध्यक्षता सुमेरू पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज करेंगे। मां गंगा की महाआरती के पश्चात सांस्कृतिक संध्या में काशी के लोकप्रिय गायक-गीतकार कन्हैया दुबे केडी के निर्देशन में भक्ति और लोक संस्कृति की मनोहारी प्रस्तुतियां होंगी। कार्यक्रम का संचालन गंगा सेवक नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला द्वारा किया जाएगा। भव्य आयोजन में जनप्रतिनिधियों, देश-विदेश से आए अतिथियों और कई प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रहेगी। समिति के संरक्षक पं. कन्हैया त्रिपाठी, गंगेश्वरधर दुबे, शांतिलाल जैन, पवन शुक्ला, संकठा प्रसाद, रामबोध सिंह और संजय यादव सहित समिति के पदाधिकारी भी कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं.
केदार घाट पर विशेष गंगा आरती से निखरेगी देव दीपावली की भव्यता
वाराणसी। देव दीपावली के पावन अवसर पर गंगोत्री सेवा समिति काशी के प्राचीन केदार घाट पर विशेष गंगा आरती का आयोजन करेगी. समिति के संयोजन में पं. संदीप कुमार दुबे के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां गंगा की विराट आरती संपन्न होगी. इस दौरान घाट को दीपों और फूलों से सजाया जाएगा. आरती में बटुकों की टोली, डमरुदल और भक्तों की उपस्थिति से पूरा वातावरण भक्तिमय होगा. आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि यह आरती देव दीपावली की गरिमा और आस्था को नई ऊंचाई देगी.




