ADG वाराणसी जोन, पीयूष मोर्डिया (Piyush Mordia) ने बृहस्पतिवार को एक पत्र (Letter) जारी कर बताया कि हाल के दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलो में किसान अपनी फसलों को पशुओं से बचाने के लिए खेतों के चारों ओर विद्युत फेंसिंग (Electric Fencing) कर रहे हैं. यह प्रवृत्ति न केवल अत्यंत खतरनाक है, बल्कि अवैध और जानलेवा है. पत्र में कहाँ गया है कि 23 अक्टूबर को ही आज़मगढ़ में दो और मिर्जापुर में एक आदमी की विद्युत प्रवाहित तारों से स्पर्श होने के कारण मृत्यु हो गई. इससे पूर्व भी सोनभद्र, गाज़ीपुर, जौनपुर, मऊ और बलिया जिलों में ऐसे कई घटनाएं हो चुकी है. ऐसे मामलों में जहां यह सिद्ध हुआ कि फेंस में अवैध रूप से बिजली प्रवाहित की गई थी, वहाँ दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारियाँ की गई हैं.
विद्युत फेंसिंग (Electric Fencing) करना न केवल खतरनाक है, बल्कि यह विभिन्न कानूनों के अंतर्गत दंडनीय अपराध भी है. भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 के अनुसार, यदि विद्युत प्रवाह से किसी व्यक्ति या पशु की मृत्यु होती है, तो यह गंभीर आपराधिक अपराध माना जाएगा। धारा 105, 106, 110 के अंतर्गत कारावास एवं आर्थिक दंड का प्रावधान है, और यह अपराध गैर-जमानती है. ऐसा पाए जाने पर कनेक्शन काटा जा सकता है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.




